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Showing posts from June, 2020

Social Justice Poetry

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Social Justice Poetry   सुना है केरल मे शिक्षित बहुत है, पर शायद लगता है अशिक्षित भी बहुत है, तुम लोगो ने उस हथनी को खाने के नाम पे क्या खिला दिया,  इंसानियत के नाम पे ये क्या बता दिया, शर्म नही आयी तुम्हे ये अत्याचार करते हुए, क्या तुमने देखा नहीं कभी कोई लाल बढ़ते हुए, माना की वो बोल नहीं सकती थी तुम्हारी जैसे बोली, पर तुम भी क्या नासमझ थे जो खेल ली उसके खून से होली, और सुनो केरल वालो शिक्षा के साथ इंसानियत भी जगा लो, और अभी भी शर्म नही आयी तो इसका भी कोचिंग लगवा लो !

Social Justice Poetry

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Social Justice Poetry   सुना है केरल मे शिक्षित बहुत है, पर शायद लगता है अशिक्षित भी बहुत है, तुम लोगो ने उस हथनी को खाने के नाम पे क्या खिला दिया,  इंसानियत के नाम पे ये क्या बता दिया, शर्म नही आयी तुम्हे ये अत्याचार करते हुए, क्या तुमने देखा नहीं कभी कोई लाल बढ़ते हुए, माना की वो बोल नहीं सकती थी तुम्हारी जैसे बोली, पर तुम भी क्या नासमझ थे जो खेल ली उसके खून से होली, और सुनो केरल वालो शिक्षा के साथ इंसानियत भी जगा लो, और अभी भी शर्म नही आयी तो इसका भी कोचिंग लगवा लो !

Breakup shayari

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          Breakup Shayri  अब किसी का साथ और प्यार नही चाहिए,                बेवफाओ का इंतज़ार नही चाहिए,  इसलिय अपनी वफ़ा उठाइये और दफा हो जाइये!

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